सबा अब बादे सर सर बन गयी है
बिखरने का सही मौसम यही है
हदे सहरा सराबों से घिरी है
तो फिर हर सू वहाँ क्यूँ तिश्नगी है
पड़ेगी अब उन्हें मेरी जरूरत
अना की बर्फ जो गलने लगी है
जो टूटेगा खला से इक सितारा
तो समझूंगा जगह मेरी बनी है
खुदाया और इक सूरज बना दे
ज़मीं पर इन्तहाई तीरगी है
हमारे दिल की ये तलबे अज़ीयत
मुहब्बत की हक़ीक़ी बानगी है
मुनासिब है सज़ाए मौत हमको
गवाही खुद हमारे सर ने दी है
बहार आयी तो संवरी यौवना सी
शज़र में खुद-पसंदी आ गयी है
अंधेरों ने इन्हें लूटा है शब भर
सितारों की चमक जाती रही है
करे कितनी भी मह आराइशें पर
कमी खुर्शीद की हर शब खली है
बिखरने का सही मौसम यही है
हदे सहरा सराबों से घिरी है
तो फिर हर सू वहाँ क्यूँ तिश्नगी है
पड़ेगी अब उन्हें मेरी जरूरत
अना की बर्फ जो गलने लगी है
जो टूटेगा खला से इक सितारा
तो समझूंगा जगह मेरी बनी है
खुदाया और इक सूरज बना दे
ज़मीं पर इन्तहाई तीरगी है
हमारे दिल की ये तलबे अज़ीयत
मुहब्बत की हक़ीक़ी बानगी है
मुनासिब है सज़ाए मौत हमको
गवाही खुद हमारे सर ने दी है
बहार आयी तो संवरी यौवना सी
शज़र में खुद-पसंदी आ गयी है
अंधेरों ने इन्हें लूटा है शब भर
सितारों की चमक जाती रही है
करे कितनी भी मह आराइशें पर
कमी खुर्शीद की हर शब खली है