पहले तू उकसाया कर
फिर घर में छुप जाया कर
जब मैं आऊँ पास तेरे
थोडा सा शरमाया कर
उंगली अपने बालों में तू
मुझसे फिरवाया कर
फिर कंधे पर सर रख कर
मुझसे आँख चुराया कर
अपने मन की बातों को
यूँ मुझको समझाया कर
जो आपास की बाते हैं
सब को मत बतलाया कर
घर वाले भिन्नाते हैं
तू जल्दी उठ जाया कर
फिर जल्दी से करके स्नान
पूजा घर में जाया कर
माँ को अच्छा लगता है
जय जगदीश सुनाया कर
बाबूजी के आगे तू
घूंघट में ही जाया कर
छुटका है शैतान बहुत
बच कर आया जाया कर
दीदी खुन्नस खाती हैं
तू थोडा झुक जाया कर
माँ को सासू मत कहना
माँ ही उन्हें बुलाया कर
घर में खुशियों के दीपक
सुबहो शाम जलाया कर
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