Thursday, September 12, 2013

पहले तू उकसाया कर

पहले तू उकसाया कर 
फिर घर में छुप जाया कर 

जब मैं आऊँ पास तेरे 
थोडा सा शरमाया कर

उंगली अपने बालों में तू 
मुझसे फिरवाया कर

फिर कंधे पर सर रख कर 
मुझसे आँख चुराया कर

अपने मन की बातों को 
यूँ मुझको समझाया कर

जो आपास की बाते हैं 
सब को मत बतलाया कर

घर वाले भिन्नाते हैं 
तू जल्दी उठ जाया कर 

फिर जल्दी से करके स्नान 
पूजा घर में जाया कर

माँ को अच्छा लगता है 
जय जगदीश सुनाया कर 

बाबूजी के आगे तू 
घूंघट में ही जाया कर 

छुटका है शैतान बहुत 
बच कर आया जाया कर

दीदी खुन्नस खाती हैं 
तू थोडा झुक जाया कर

माँ को सासू मत कहना 
माँ ही उन्हें बुलाया कर 

घर में खुशियों के दीपक 
सुबहो शाम जलाया कर

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