होली ..... क्रमशः
कोई हमको ताऊ कहता कोई अंकल चाचा, हम क्या बूढ़े हैं
जांचे परखे बिन होता क्यूँ ऐसा अत्याचार जोगीरा स र र र
गीली गीली रंग सनी जब निकले गोरी घर से अपने, होरी को
मन पर दबी हुई इच्छाओं का होता अधिकार जोगीरा स र र र
देवर तकता भौजाई की गीली सारी से चिपकी गीली अंगिया
सोचे मन ही मन कब होगा उसका बेड़ा पार जोगीरा स र र र
अब की तो मंहगाई ने तोड़ी है कमर सभी की, चलो करें वादा
अगली बार बनेगी अपनी बहुमत की सरकार जोगीरा स र र र
कुछ भी कर लो, असर नहीं होगा सरदार, किसी पर, जनता समझ गयी
मैडम को तो अभी तलक है कलमाडी से प्यार जोगीरा स र र र
अबकी दारू खूब चलेगी जब होगा अगला चुनाव
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