जिंदगी घुट के चलानी हो गयी
लाश अपनी ही जलानी हो गयी
दिन हुआ फिर वक्त से लड़ने चले
याद उनकी रातरानी हो गयी
खत्म जाने कब कहानी हो गयी
"वो किसी से कम नहीं", ऐंठे रहे
बस यही तो बदगुमानी हो गयी
भक्त भगवन से अलग होता नहीं
भक्त भगवन से अलग होता नहीं
इस लिए मीरा दिवानी हो गयी
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