Thursday, January 6, 2011

आँख पे पर्दा

जब तक हमारी आँख पे पर्दा पड़ा होगा
बन क़े हमारा रहनुमा तू ही खड़ा होगा

सूरजमुखी गर खुद से सीख जाएगा खिलना
सूरज किसी कोने छुपा क़े मुह खड़ा होगा

हमको हमारी जात बताने का शुक्रिया
तुमको तुम्हारी जात का टोटा पड़ा होगा

क्यूँ तुम बताते हो किसी की भूख कितनी है
अबकी मुकाबला क्या जादा कड़ा होगा

मेरी कमाई पर तुम्हारी है नजर लेकिन
अपनी जमा पूजी पे हंगामा खड़ा होगा

भूखा मरे कोई तुझे क्या फर्क पड़ता है
गोदाम अन्नों से भरा तेरा सडा होगा

1 comment:

  1. चिंगारी जलाने की ज़रूरत है
    सुदर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete