संकरी है प्रेम गली
जाने वाले इतने इसमें
सब को मंजिल न मिली
संकरी है प्रेम गली
नज़र-ए-बद से बच पाए
कोई सूरत न मिली
संकरी है प्रेम गली
कान्हा को पत्नियाँ चार
प्रेमिका एक राधा मिली
संकरी है प्रेम गली
प्रेम का कारण आकर्षण
चाहने से प्रेमिका न मिली
संकरी है प्रेम गली
प्रेम की सीमा मर्यादा
जिसने लांघा सजा मिली
संकरी है प्रेम गली
अकेले सच ही जीता
झूट को जिंदगी न मिली
संकरी है प्रेम गली
प्रेम की चाहत-समर्पण
वासना को जगह न मिली
संकरी है प्रेम गली
द्वैत अद्वैत में रहे उलझे
अपनी परिभाषा न मिली
संकरी है प्रेम गली
आत्मा परमात्मा मिलन
प्रेम को परिभाषा मिली
संकरी है प्रेम गली
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