Tuesday, December 14, 2010

अच्छा नहीं किया

मैंने  जो  छुप  क़े  रो  लिया अच्छा  नहीं किया
उसने भी  रो  के हँस  दिया  अच्छा  नहीं किया

मुझको  सुनानी  चाहिए  थी  जो  ग़ज़ल  पहले
महफ़िल  में तूने  गा  दिया  अच्छा  नहीं किया

तुमको  ही  याद  करके  रो  रहा  था  जार  जार
तुमने  जो  मुस्करा  दिया  अच्छा  नहीं  किया

मैंने  तेरे  गुमान  पे  सबको  भुला  दिया
तुमने  मुझे  भुला  दिया  अच्छा  नहीं किया

मैं  तो  चला  ही  जा  रहा  था  छोड़  के  दुनियां
तुमने  मुझे  बुला  लिया  अच्छा  नहीं  किया

मैं  कर  रहा  था  कोशिशें  तुमको  हँसाने  की
तुमने  मुझे  रुला  दिया  अच्छा  नहीं किया

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