मुझे सताए सजना, जाए प्रीत निगोड़ी जाग
छू के मुझको लगा गए क्यूँ तन में मेरो आग
तेरो अंग लगूँ तो लागे हर दिन मोको फाग
छू के मुझको लगा गए क्यूँ तन में मेरो आग
चले गए परदेस सजनवा, फूट्यो मेरो भाग
छू के मुझको लगा गए क्यूँ तन में मेरो आग
चाँद सुलगता लागे मोहे, फूल दहकती आग
छू के मुझको लगा गए क्यूँ तन में मेरो आग
हार गले का, पाँव पैजनी लिपटें जैसे नाग
छू के मुझको लगा गए क्यूँ तन में मेरो आग
बिन तेरे माथे कि बिंदिया, लगे जले का दाग
छू के मुझको लगा गए क्यूँ तन में मेरो आग
चाहे कितना सज लूँ साजन, सूनी रहती माँग
छू के मुझको लगा गए क्यूँ तन में मेरो आग
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