Monday, October 25, 2010

पिता का दिल

मेरा बच्चा बीमार रात जब जोर जोर से रोता है
चुप होता नहीं किसी सूरत हर लम्हा भारी होता है
मैं होता हूँ बेचैन और यूँ होता है एहसास मुझे
बाप के दिल में पोशीदाँ एक माँ का दिल भी होता है

वो बोले माँ सबसे पहले, मुझको बुरा नहीं लगता 
पर पापा बोले देरी से तो मेरा धीरज खोता है

मैं कैसे समझाऊँ उसको  मेरे सीने में भी दिल है
माँ को जब देख लपकता है चेहरा हँसता दिल रोता है 

आफिस में व्यस्त काम से भी जब थोड़ी फुर्सत मिलती है
मन के घोड़े पर हो सवार दिल सीधे घर पर होता है 

पत्नी को मेरी बहुत मज़ा आता है मुझे चिढाने में
पापा कहने पर भी बच्चे के मुह में माँ ही होता है 

बहुत मनाने पर जब मेरे पास कभी वो आता है 
हँसता है मेरे पास आँख में चेहरा माँ का होता है 

बच्चा तो आखिर बच्चा है धीरे धीरे ही समझेगा 
कि मम्मी केवल मम्मी है पर पापा पापा होता है 






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