Friday, September 10, 2010

तू नहीं है भगवान

रावण को भी हुआ था गुमान
कि वो है भगवान
स्वयम विश्वकर्मा जी ने बनवाई थी
उसकी सोने की लंका
क्या हुवा हस्र?
जल गयी, कुछ न कर सका
बज्र से गिरे थे उसपर महाबली हनुमान
मत कर गुमान,तू नहीं है भगवान
एक एक कर खो दिया सारे सहोदरों को
बन्धु-बांधवों को
नहीं बचा सका अपने ही पुत्रों को
सभी थे महारथी और बलवान
मत कर गुमान, तू नहीं है भगवान
भीष्म रूपी भ्रम को जिन्दा रखोगे जब तक
चलती रहेगी मन की महाभारत तब तक
कब तक रखोगे सर-शैय्या पर लिटा के?
किसी को नहीं मिला अमरता का बरदान
मत कर गुमान, तू नहीं है भगवान
तेरा ये शरीर ही कुरुक्षेत्र है
सत्य है युधिष्ठिर, बल है भीम
वीरता है अर्जुन
सौन्दर्य और सहनशीलता हैं नकुल और सहदेव
छल-कपट है शकुनी
क्रोध है दुर्योधन और विकार है दुशासन
इन सब को पहचान
मत कर गुमान, तू नहीं है भगवान
बस चीर हरण से बचा लो
अपनी-अपनी माँ-बहनों को
पांचाली सी ये तो नहीं कर सकती गुहार
भीष्म से, द्रोणाचार्य से, पाँच पतियों से
इनके तो तुम ही तुम हो अभिमान
मत कर गुमान, तू नहीं है भगवान

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