अपने जीवन में जब
न रहें खुशियाँ
औरों की बारात में
क्या ख़ाक नाचेगा
इसलिए ऐ दोस्त
कर इरादा पक्का
ये सोच कि रख सकता है
जेब में आसमान
जब इरादा हो तो
कुछ भी नामुमकिन नहीं
जरूरी नहीं की तू बनाए रामसेतु
पर पडोसी कि छत को
अपनी छत से तो जोड़
छत पे जा
पडोसी से गप्पें तो मार
मत बाँट आपनी परेशानियां
कोई नहीं सुनता
तूने क्या क्या खो दिया
किसी को मत बता
अपनी, एक दो ही हों
उपलब्धियां गिना
अत्मानुशंसा अगर कर नहीं सकता
प्रशंसा की अपेक्षा भी कैसे करेगा
इसलिए हे मानव
स्वयं को पहचान
तुमसे अधिक
तुम्हे कोई नहीं जानता
हर कोई लगा है
नीचा दिखाने में
उनके साथ खड़े हो
उनकी मदद मत कर
अपने लिए खड़ा हो
और अपने लिए सोच
क्यों कोई सोचे तुम्हारे लिए
फुर्सत कहाँ है किसी को भी
न रहें खुशियाँ
औरों की बारात में
क्या ख़ाक नाचेगा
इसलिए ऐ दोस्त
कर इरादा पक्का
ये सोच कि रख सकता है
जेब में आसमान
जब इरादा हो तो
कुछ भी नामुमकिन नहीं
जरूरी नहीं की तू बनाए रामसेतु
पर पडोसी कि छत को
अपनी छत से तो जोड़
छत पे जा
पडोसी से गप्पें तो मार
मत बाँट आपनी परेशानियां
कोई नहीं सुनता
तूने क्या क्या खो दिया
किसी को मत बता
अपनी, एक दो ही हों
उपलब्धियां गिना
अत्मानुशंसा अगर कर नहीं सकता
प्रशंसा की अपेक्षा भी कैसे करेगा
इसलिए हे मानव
स्वयं को पहचान
तुमसे अधिक
तुम्हे कोई नहीं जानता
हर कोई लगा है
नीचा दिखाने में
उनके साथ खड़े हो
उनकी मदद मत कर
अपने लिए खड़ा हो
और अपने लिए सोच
क्यों कोई सोचे तुम्हारे लिए
फुर्सत कहाँ है किसी को भी
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