तुम्हारी ज़ुल्फ़ चेहरे पर ठहर जाती तो अच्छा था
अगर ये ईद का ऐलान करवाती तो अच्छा था
दिखा करती है बेकल चांदनी जो बाम पर तनहा
किसी दिन काश जीने से उतर आती तो अच्छा था
खुदा तूने बिगाड़ा है हमें देकर धड़कता दिल
सुधरने की भी कुछ सूरत नज़र आती तो अच्छा था
तलातुम* में अगर तुम दफ'अतन** मुझसे लिपट जाते *लहरों के हिचकोले ** अचानक
तो फिर गिर्दाब* में कश्ती उतर जाती तो अच्छा था * भँवर
सियह-फाम अब्र* हैं बादेसबा** है साथ तुम भी हो *काले घने बादल ** ठंढी बयार
इसी दम क़हर हम पर वर्क़ अगर ढाती तो अच्छा था
रक़ीबों के ज़रीये भेजकर जिसको बहुत खुश हो
हमारे पास तक वो बात अगर आती तो अच्छा था
तेरी खातिर रफ़ाक़त* कर तो लूं मैं दुश्मनों से भी *दोस्ती
मेरी हालत पे तेरी आँख भर आती तो अच्छा था
अगर ये ईद का ऐलान करवाती तो अच्छा था
दिखा करती है बेकल चांदनी जो बाम पर तनहा
किसी दिन काश जीने से उतर आती तो अच्छा था
खुदा तूने बिगाड़ा है हमें देकर धड़कता दिल
सुधरने की भी कुछ सूरत नज़र आती तो अच्छा था
तलातुम* में अगर तुम दफ'अतन** मुझसे लिपट जाते *लहरों के हिचकोले ** अचानक
तो फिर गिर्दाब* में कश्ती उतर जाती तो अच्छा था * भँवर
सियह-फाम अब्र* हैं बादेसबा** है साथ तुम भी हो *काले घने बादल ** ठंढी बयार
इसी दम क़हर हम पर वर्क़ अगर ढाती तो अच्छा था
रक़ीबों के ज़रीये भेजकर जिसको बहुत खुश हो
हमारे पास तक वो बात अगर आती तो अच्छा था
तेरी खातिर रफ़ाक़त* कर तो लूं मैं दुश्मनों से भी *दोस्ती
मेरी हालत पे तेरी आँख भर आती तो अच्छा था
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