मुझे तू न समझे न मैं जान पाऊँ
मुझे तू रुलाये तुझे मैं हंसाऊँ
दिखाएँ चलो एक ऐसा नजारा
कि तू रूठ जाए तुझे मैं मनाऊँ
सुकूं क़े लिए आज से ये करें हम
न तू याद आये न मैं याद आऊँ
बड़ी कोशिशें भूलने कि हुईं पर
न तू भूल पाए न मैं भूल पाऊँ
मैं साँपों क़े ही बीच पलता रहा हूँ
भला आज मैं इनसे क्यों खौफ खाऊँ
मुझे याद आती हैं बचपन कि बातें
तू पकडे जो तितली उसे मैं उडाऊं
तुझे हो मुबारक तुम्हारी वो मस्ती
मैं होली दिवाली अकेले मनाऊँ
बहाने से करवा क़े गुडिया की शादी
तुम्हे प्यार करता हूँ मैं ये बताऊँ
मुझे देख क़े तेरा आँचल गिराना
तुझे थी तवक्को कि मैं मुस्कराऊँ
खुदा की है ये दस्तकारी मुहब्बत
जिसे देख मैं मन ही मन मुस्कराऊँ
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