Monday, November 8, 2010

नोक झोक

अजी सुनती हो?
नहीं ... मैं तो जनम कि बहरी हूँ
मैंने ऐसा कब कहा?
तो अब कह लो, पूरी करलो साध. कोई भी हसरत अधूरी क्यों रहे?
अरी भाग्यवान!!
हे!! सुनो एक बात.... आइन्दा मुझे कभी भाग्यवान तो कहना मत. फूट गए नसीब मेरे तुमसे शादी करके और कहते हो भाग्यवान... हुह....
एक कप चाय मिलेगी
एक कप क्यों लोटा भर मिलेगी और सुनो .... किसको सुना रहे हो? मैं क्या चाय बना के नहीं देती?
अरे यार कभी तो सीधे मुह बात ...
बस .... आगे मत बोलना. नहीं आता मुझे सीधे मुह बात करना.... मेरा तो मुह ही टेढ़ा है यही कहना चाहते हो न?
हे भगवान्
हाँ ... माँग लो भगवान् जी से एक कप चाय. मैं चली नहाने
और सुनो मुझे शम्पू करना है.... देर लगेगी..... बच्चों को स्कूल से ले आना .... मेरे अकेले के नहीं हैं .....
अरे ये सब क्या बोलती हो?
क्यों झूट बोल दिया क्या? मैं क्या दहेज़ में ले के आयी थी इनको?
अरे मैं कहाँ कुछ बोल रहा हूँ?
अरे मेरे भोले बाबा, तुम कहाँ बोलते हो? मैं तो चुप थी .... बोलना किसने शुरू किया? बताओ ...
अरे मैंने तो एक कप चाय मांगी थी
चाय मांगी थी या मुझे बहरी कहा था? क्या मतलब था तुम्हारा? "अजी सुनती हो ..... ? " का क्या मतलब, बताओगे?
अरे श्रीमती जी... कभी तो मीठे से बोल लिया करो
अच्छा.... मीठा नहीं बोली मैं कभी भी? तो ये दो दो नमूने क्या पडोसी के हैं.  देख लिया है मीठा बोल के ....
बस अब और मीठा बोलने कि हिम्मत नहीं है.
भूल रही हो मैडम .......
क्या भूल रही हूँ.....
अरे मुझे बात तो पूरी करने दो. मैं कह रहा था कि पति हूँ तुम्हारा...
अच्छा ..... मुझे नहीं पता था. सूचना के लिए धन्यवाद
अरे नहीं चाहिए मुझे तुम्हारी चाय...  बक बक बंद करो
अरे वाह!! तुम्हे तो बोलना भी आता है? बहुत अच्छे.... पी के जाओ.... बाद में नहा लूँगी
गज़ब हो तुम भी.... पहले तो बिना बात लडती हो फिर बोलती हो पी के जाओ
तो क्या करूँ जी? तुम लड़ने का मौका कहाँ देते हो? मन करे तो क्या पड़ोस में जाऊँ लड़ने?
बनाओ जल्दी नहीं तो बच्चों को लाने में देर हो जायेगी
अभी लो जी, बस एक मिनट में.

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