Friday, September 10, 2010

दोहरा व्यक्तित्व



हम माल में जाते हैं
तय करते हैं
टैग से दाम और दाम से गुणवत्ता
खरीदते हैं एक हवाई चप्पल
और कुछ और जरूरी सामान
बिना चूँ चपड़ किये
नहीं करते
मोल भाव की कोशिश भी
बढ़ा हुवा सा लगता है
हमें भी अपना रुतबा
करते हैं भुगतान
रसीद को सँभालते हैं ऐसे
बेटे का जन्म प्रमाण पत्र हो जैसे
डरते हैं वापस न रखना पड़ जाय
पैसे देकर खरीदा हुवा सामान
गेट पर खड़ा सिक्यूरिटी वाला
स्वतंत्र है समझने लिए
हर किसी को चोर
बाहर आके ऐसा लगता है
कितना जरूरी काम
लटका पड़ा था कई दिनों से
निपट गया आज
हम ही
पहुचते हैं सब्जी मण्डी
हम कोई और हो जाते हैं
चूँ चपड़ तो क्या झाँव झाँव भी करते हैं
२० रुपये किलो की भिन्डी १८ रुपये में खरीदने के लिए
आधा किलो खरीद कर
बचा ही लेते हैं
एक रूपया
वाह! क्या हम और क्या हमारा देश
हम  खरीदते हैं हवाई चप्पल
एयर कंडीशंड माल से
खाने के लिए सब्जी
खरीदते हैं फुटपाथ से

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