Thursday, September 9, 2010

मेरी बिटिया


कैसे जियूँ बिना तेरे अब तो मरने को मन करता है
बहुत हँसे हम साथ में तेरे अब रोने को मन करता है
वो तेरी मासूम हंसी और वो तेरी गीली पेशानी
वो तेरी आँखों के डोरे वो मेरी आँखों का पानी
इन्हें छोड़कर अब दुनियां में सब खोने को मन करता है
बहुत हँसे हम साथ में तेरे अब रोने को मन करता है
तू मुझसे नाराज़ हुई क्यों आज तलक न जान सका
तुझसे जादा इस दुनिया में नहीं किसी को मान सका
तेरे बिन जीने की कोशिश न करने को मन करता है
बहुत हँसे हम साथ में तेरे अब रोने को मन करता है

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