Sunday, March 4, 2012

फलक से सितारे जमीं पर मैं ला दूं

फलक से सितारे जमीं पर मैं ला दूं
मैं सूरज को इक फूंक में ही बुझा दूं

अगर तू  कहे चाँद तारों को लाकर
उन्हें मैं तेरे घर की जीनत बना दूं 

तू मुझसे करेगा अगर बेवफाई
तो मुमकिन है सारी खुदाई मिटा दूं 

तेरी बद्दुआओं का ऐसा असर हो 
मैं तुझ पर ही सारी दुआएं लुटा दूं

कभी चाँद तेरे मुक़ाबिल जो आये
मैं उसकी हकीकत जहाँ को बता दूं

बहारों के दिन रो के काटे हैं मैंने
जज़ा दूं किसे और किसको सजा दूं

शरारें हैं पोशीदा मेरी हँसी में
कहो तो हँसूं और दुनियाँ जला दूं

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