अब हमें मैदान में खुद भी उतरना चाहिए
बेइमानों के इरादों को कुचलना चाहिए
बीज मिल जाता है मिट्टी में मिटा अपना वजूद
फ़स्ल मिलती है तभी, हमको समझना चाहिए
गर महकना चाहते हो फूल सा हर सिम्त तुम
तो तुम्हे कांटो में भी खिलकर मचलना चाहिए
क्यूँ करें उम्मीद छाये की किसी भी ठूंठ से
खुद करें छाया, हमें अब धूप सहना चाहिए
बेइमानों के इरादों को कुचलना चाहिए
खेतों की मिट्टी लिपट जाती है जिनके पैरों से
उनको ही उन खेतों का भगवान कहना चाहिए
बीज मिल जाता है मिट्टी में मिटा अपना वजूद
फ़स्ल मिलती है तभी, हमको समझना चाहिए
गर महकना चाहते हो फूल सा हर सिम्त तुम
तो तुम्हे कांटो में भी खिलकर मचलना चाहिए
क्यूँ करें उम्मीद छाये की किसी भी ठूंठ से
खुद करें छाया, हमें अब धूप सहना चाहिए
आवश्यक आह्वान - बहुत सुंदर
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