मुहब्बत हमारी तुम्हारी रजा है
मुहब्बत मुहब्बत है इसमें मजा है
खुदा की है ये दस्तकारी मुहब्बत
मुहब्बत बिना तो ये जीवन क़ज़ा है
मुहब्बत का है आज दुश्मन बना जो
कभी तो मुहब्बत मुहब्बत भजा है
मुहब्बत जिसे मिल गयी जिंदगी में
इसे छोड़ उसने तो सब कुछ तजा है
हो लंगडा या लूला या अंधा कि काना
ये ताज़े मुहब्बत तो हर सर सजा है
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