आज आओ प्यार से हम प्यार की बाते करें
प्यार में इकरार की इनकार की बातें करें
मान जाने के लिए तुम रूठ जाती थी कभी
उस हसीं पल में हुई मनुहार की बातें करें
चाहते थे जीतना हम बंदिशों को तोड कर
वक़्त के हाँथों मिली हर हार की बातें करें
एक दूजे की खुशी के वास्ते लांघा जिन्हें
राह में आयी हर इक दीवार की बातें करें
ज़िंदगी की जंग में हारे नही हम मौत से
फ़र्ज़ से हारे हुए अधिकार की बाते करें
टूटते सपने बहा लेते थे कंधो पर कभी
आज टूटी डोर के हर तार की बातें करें
गुल खिलाते ही रहेंगे हम हमारे बाग़ में
लोग चाहें तो भले ही खार की बातें करें
sunder bhav
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