बात होती है अयाँ, लाख छुपा कर देखो
ख़ास अपनों से कभी आँख मिला कर देखो
दिल के ज़ज्बात तो आँखों से बयां होते हैं
देखना है तो ज़माने से बचा कर देखो
खुद जो दरिया के किनारे से गुजर जाते हैं
मुझसे कहते हैं समंदर में नहा कर देखो
फडफडाहट सी फिजाओं में बिखर जायेगी
शाख पर लौटे परिंदों को उड़ा कर देखो
ख़ामुशी से भी कहानी तो बयां होती है
आँख से उनकी ज़रा आँख मिलाकर देखो
गम सहोदर का किसी को भी रुला सकता है
तुम कभी राम का किरदार निभाकर देखो
गम खुशी एक ही सिक्के के हैं दोनों पहलू
एक गर पास हो दूजे को भुलाकर देखो
चाँद नजदीक नहीं है न कभी आयेगा
लाख महलों में सितारों को सजाकर देखो
मंजिलें सिर्फ ख्यालों से नहीं मिलती हैं
ख्वाब में लाख सितारों को बुलाकर देखो
आँख में अश्क न हों और खुशी भी छलके
हार जाओगे, कभी दांव लगाकर देखो
प्यार गर करते नहीं आँख चुराते क्यूँ हो
तुम मेरे दिल से कभी दूर तो जा कर देखो
एक लम्हे में ये कर लेती हैं रिश्ता कायम
तुम निगाहों से निगाहें तो मिलाकर देखो
धूप में तनहा मुझे देख के खुश हो क्यूँ कर
साथ साया है मेरा उसको हटा कर देखो
प्यार पर होता नहीं कोई असर नफरत का
आब में लगती नहीं आग लगाकर देखो
तुम भी परवाज़ की मुश्किल को समझ जाओगे
हाँथ में टूटा हुआ पर तो उठाकर देखो
बाद मरने के भी रहती हैं बदी औ नेकी
अपने क़दमों के निशां सारे मिटा कर देखो
बात रो रो के कहोगे तो असर क्या होगा
बात सच्ची है तो हिम्मत से बता कर देखो
बचपना कह के जिन्हें माफ़ किया करते हो
अब उन्हें उम्र की सीढ़ी पे चढ़ा कर देखो
आशियाँ प्यार का जलता हो, नहीं सूझे कुछ
आंसुओं से ही लगी आग बुझाकर देखो
है गुमां तुमको मिटा सकते हो हस्ती सबकी
अपने हांथों की लकीरों को मिटा कर देखो