इस जहां में फिर कोई अवतार होना चाहिए
खत्म हर कुफ्फ़ार का ब्याभिचार होना चाहिए
जीत से मख़्सूस होती हार, दिल के खेल में
जीतने वाला मगर दिलदार होना चाहिए
शौक जो तीमारदारी का हमें है दोस्तों
इस बिना पर क्या उन्हें बीमार होना चाहिए?
आसमां ओढ़न, बिछौना है जमी जिनके लिए
ऐ खुदा उनको तेरा दीदार होना चाहिए
खत्म तो हो जायेंगे जो मसअले हैं दरमियां
जज़्बएकामिल हो, दिल बेख्वार होना चाहिए
टूटना मंजूर पर झुकना नहीं मंजूर हो
ऐसा अपनी सख्सियत से प्यार होना चाहिए
सींचते जायेंगे हम अम्नो अमां का गुलसिता
दिल भले हो सख्त, लालाजार होना चाहिए
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