ये तो दिन रात बस तडपता है
लोग कहते हैं दिल धडकता है
बद्दुआ बेअसर रही मुझपर
लोग कहते हैं दिल धडकता है
देखते हैं वो जब भी आईना
उनका दिल ख़ुद पे ही मचलता है
सोज़ शिद्दत के साथ हो पैहम
सख़्त फ़ौलाद भी पिघलता है
उसने मंज़िल बदल दी क्या अपनी
जो ये रस्ता भी राह तकता है
बद्दुआ बेअसर रही मुझपर
रब दुआ का हिसाब रखता है
रास आया है खूं मेरा उनको
यूँ ही चेहरा नही चमकता है
No comments:
Post a Comment