थक गया था तू बहुत फिर भी न हारा शुक्रिया
तेरी हिम्मत ने दिया मुझको सहारा शुक्रिया
पास मेरे कुछ नहीं था जो कि दे पाता तुझे
तेरी सुहबत में हुआ फिर भी गुजारा शुक्रिया
ख़्वाहिशें पूरी हमारी हो सकें इसके लिए
इक न इक तू तोड़ देता है सितारा शुक्रिया
हो गया दीदार तेरा नब्ज़ फिर चलने लगी
और तुझको कह रहा है जिस्म सारा शुक्रिया
हौसला बाक़ी है आ फिर से हमें बर्बाद कर
फ़ित्रतन तुझको कहेगा दिल हमारा शुक्रिया
मैं सरापा तेरे अहसानों को हूँ ओढ़े हुए
और रग रग में है इनका इस्तिआरा शुक्रिया
तेरे कुछ अल्फ़ाज़ अब भी हैं हमारे ज़हन में
आ रहे हैं वो समाअत में दुबारा शुक्रिया
गुम हुए अहबाब मुझको छोड़कर मझधार में
अज़्मे मौज़े वक़्त तुमने ही उबारा शुक्रिया
तेरी हिम्मत ने दिया मुझको सहारा शुक्रिया
पास मेरे कुछ नहीं था जो कि दे पाता तुझे
तेरी सुहबत में हुआ फिर भी गुजारा शुक्रिया
ख़्वाहिशें पूरी हमारी हो सकें इसके लिए
इक न इक तू तोड़ देता है सितारा शुक्रिया
हो गया दीदार तेरा नब्ज़ फिर चलने लगी
और तुझको कह रहा है जिस्म सारा शुक्रिया
हौसला बाक़ी है आ फिर से हमें बर्बाद कर
फ़ित्रतन तुझको कहेगा दिल हमारा शुक्रिया
मैं सरापा तेरे अहसानों को हूँ ओढ़े हुए
और रग रग में है इनका इस्तिआरा शुक्रिया
तेरे कुछ अल्फ़ाज़ अब भी हैं हमारे ज़हन में
आ रहे हैं वो समाअत में दुबारा शुक्रिया
गुम हुए अहबाब मुझको छोड़कर मझधार में
अज़्मे मौज़े वक़्त तुमने ही उबारा शुक्रिया
No comments:
Post a Comment