फलक से सितारे जमीं पर मैं ला दूं
मैं सूरज को इक फूंक में ही बुझा दूं
अगर तू कहे चाँद तारों को लाकर
उन्हें मैं तेरे घर की जीनत बना दूं
अगर तू कहे चाँद तारों को लाकर
उन्हें मैं तेरे घर की जीनत बना दूं
तू मुझसे करेगा अगर बेवफाई
तो मुमकिन है सारी खुदाई मिटा दूं
तेरी बद्दुआओं का ऐसा असर हो
मैं तुझ पर ही सारी दुआएं लुटा दूं
कभी चाँद तेरे मुक़ाबिल जो आये
मैं उसकी हकीकत जहाँ को बता दूं
बहारों के दिन रो के काटे हैं मैंने
जज़ा दूं किसे और किसको सजा दूं
शरारें हैं पोशीदा मेरी हँसी में
कहो तो हँसूं और दुनियाँ जला दूं
कभी चाँद तेरे मुक़ाबिल जो आये
मैं उसकी हकीकत जहाँ को बता दूं
बहारों के दिन रो के काटे हैं मैंने
जज़ा दूं किसे और किसको सजा दूं
शरारें हैं पोशीदा मेरी हँसी में
कहो तो हँसूं और दुनियाँ जला दूं
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