दिलो जां लुटाने के दिन आ रहे हैं
कि वादे निभाने के दिन आ रहे हैं
सुना है यहाँ आशियाने बनेंगे
लो झोपड़ ढहाने के दिन आ रहे हैं
हुई उम्र सत्तर औ ऊपर से सर्दी
तो चलने चलाने के दिन आ रहे हैं
सुना है कि आने को है फिर एलेक्शन
कि फिर उनके आने के दिन आ रहे हैं
खुशी में रहे साथ जो, अब ग़मों में
उन्हें आजमाने के दिन आ रहे हैं
है छप्पर फटा और बारिश का मौसम
मेरे फटफटाने के दिन आ रहे हैं
परिंदों में फिर हो रही आशनाई
कि खोथे बनाने के दिन आ रहे हैं
कि वादे निभाने के दिन आ रहे हैं
सुना है यहाँ आशियाने बनेंगे
लो झोपड़ ढहाने के दिन आ रहे हैं
हुई उम्र सत्तर औ ऊपर से सर्दी
तो चलने चलाने के दिन आ रहे हैं
सुना है कि आने को है फिर एलेक्शन
कि फिर उनके आने के दिन आ रहे हैं
खुशी में रहे साथ जो, अब ग़मों में
उन्हें आजमाने के दिन आ रहे हैं
है छप्पर फटा और बारिश का मौसम
मेरे फटफटाने के दिन आ रहे हैं
परिंदों में फिर हो रही आशनाई
कि खोथे बनाने के दिन आ रहे हैं
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