tag:blogger.com,1999:blog-4762337726828710457.post5755352249583015119..comments2023-06-04T18:58:57.519+05:30Comments on चिंतन: जाने कब उबरेंगेशेषधर तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/09259183410687906285noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4762337726828710457.post-1102388115647032552012-01-16T18:25:36.172+05:302012-01-16T18:25:36.172+05:30आपकी इस रचना को पढ़ कर सारे भावनाएं पिघल कर दृष्टि...आपकी इस रचना को पढ़ कर सारे भावनाएं पिघल कर दृष्टि या कंठ को अवरुद्ध कर रही हैं !इन सरल शब्दों में रूढिवादिता ,धर्मान्धता और निश्चल प्रेम की तासीर हर भाव को आपने बिखरा कर रख दिया|Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18260117773054264031noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4762337726828710457.post-29851908533218161342012-01-16T18:25:14.359+05:302012-01-16T18:25:14.359+05:30आपकी इस रचना को पढ़ कर सारे भावनाएं पिघल कर दृष्टि...आपकी इस रचना को पढ़ कर सारे भावनाएं पिघल कर दृष्टि या कंठ को अवरुद्ध कर रही हैं !इन सरल शब्दों में रूढिवादिता ,धर्मान्धता और निश्चल प्रेम की तासीर हर भाव को आपने बिखरा कर रख दिया|Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18260117773054264031noreply@blogger.com