बहुत दम है तो ये करके दिखा दो
किनारों के बिना दरिया बहा दो
भले हंस लो मेरी नाकामियों पर
नहीं डूबे जो वो सूरज उगा दो
खिला है सेह्न में जो चाँद मेरे
उसे तुम सेह्न से अपने हटा दो
नहीं बर्दाश्त है सच आईने का
उसी में अक्स उसका ही बना दो
जमाने की बहुत पर्वा है तुमको
जमाने को यकीं इसका दिला दो
जो बच्चा रूठ कर बैठा हो माँ से
जो बच्चा रूठ कर बैठा हो माँ से
उसे गर हो सके तो तुम हंसा दो
गुमां है अपने सरमाये पे तुमको
किसी खुद्दार की गर्दन झुका दो